सोमनाथ ज्योतिर्लिंग – इतिहास, कथा और महत्व

🌟 परिचय

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग भारत के गुजरात राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र के प्रभास पाटण में स्थित है। यह बारह ज्योतिर्लिंगों में प्रथम माना जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार यहाँ भगवान शिव स्वयं ज्योति स्वरूप में विराजमान हैं।
सोमनाथ मंदिर धार्मिक ही नहीं बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत भव्य और अद्भुत है।



🌺 सोमनाथ ज्योतिर्लिंग मंत्र

ॐ नमः शिवाय ॐ नमो भगवते रुद्राय सोमेश्वराय नमः

📜 सोमनाथ ज्योतिर्लिंग की कथा

पुराणों के अनुसार, चंद्रदेव (सोम) का विवाह राजा दक्ष प्रजापति की 27 कन्याओं से हुआ था। लेकिन चंद्रदेव अपनी पत्नी रोहिणी से अत्यधिक प्रेम करते थे और अन्य सभी पत्नियों की उपेक्षा करने लगे। इससे क्रोधित होकर दक्ष प्रजापति ने चंद्रदेव को श्राप दे दिया कि उनका तेज लगातार कम होता जाएगा।

श्राप से दुर्बल और कांतिहीन हुए चंद्रदेव ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या की। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें श्रापमुक्त किया और यहाँ ज्योतिर्लिंग रूप में प्रकट हुए
इसी कारण इस स्थान का नाम पड़ा — सोमनाथ, अर्थात “सोम (चंद्र) के ईश्वर”।

🔱 सोमनाथ मंदिर का इतिहास

सोमनाथ मंदिर को इतिहास में कई बार तोड़ा गया, लेकिन हर बार इसे पुनः बनाया गया।
कुछ प्रमुख आक्रमण इस प्रकार रहे —

  • 1026 ई. में महमूद ग़ज़नी द्वारा विध्वंस

  • इसके बाद अलाउद्दीन खिलजी के सेनापति

  • और फिर मुगल सम्राट औरंगज़ेब

कठिनाइयों के बावजूद मंदिर की भव्यता और आस्था कभी कम नहीं हुई।
आज का सोमनाथ मंदिर सरदार वल्लभभाई पटेल के प्रयास से 1951 में पुनः बना।
मंदिर के सामने समुद्र तट पर स्थित शिलालेख दर्शाता है कि इसके दक्षिण में हजारों किमी तक कोई ज़मीन नहीं — केवल समुद्र।

🕉️ सोमनाथ ज्योतिर्लिंग का महत्व

  • यह प्रथम ज्योतिर्लिंग माना जाता है

  • मन, शरीर और आत्मा को शांति देता है

  • मानसिक तनाव दूर कर आत्मविश्वास बढ़ाता है

  • धन-समृद्धि और जीवन में संतुलन प्रदान करता है

  • जन्म–जन्मांतर के दोष और पाप दूर करता है

मान्यता है —
सोमनाथ के दर्शन से असंभव भी संभव हो जाता है और भक्त का जीवन शिवमय हो उठता है।



🙏 सोमनाथ मंदिर दर्शन व समय

मुख्य आरती के समय:

  • सुबह: 7:00 बजे

  • दोपहर: 12:00 बजे

  • शाम: 7:00 बजे (विशेष लाइट एंड साउंड शो के साथ)

मंदिर में दर्शन के साथ-साथ समुद्र तट का अद्भुत दृश्य मन को शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करता है।


📍 सोमनाथ कैसे पहुंचे?

  • हवाई मार्ग: दीव एयरपोर्ट – 85 किमी

  • रेल मार्ग: वेरावल रेलवे स्टेशन – 7 किमी

  • सड़क मार्ग: गुजरात के सभी बड़े शहरों से बस और टैक्सी उपलब्ध

🌼 निष्कर्ष

सोमनाथ मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि आस्था, अदम्य शक्ति और भारतीय संस्कृति का प्रतीक है।
इतिहास, चमत्कार, शांति और आध्यात्मिकता — सब कुछ एक ही स्थान पर अनुभव करने के लिए सोमनाथ के दर्शन अवश्य करें।

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